नमस्कार दोस्तों आज हम आपको एक और भारत के युद्ध के बारे में बताने जा रहे जिसे “बक्सर का युद्ध” कहा जाता है आइये जानते है बक्सर का युद्ध का इतिहास –

बक्सर का युद्ध -Battle of Buxar
भारतीय इतिहास में कई बड़े युद्ध हुए हैं जिनमें देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। ‘बक्सर का युद्ध’ भी उनमें से एक है। इस युद्ध का महत्व भारतीय इतिहास में बहुत बड़ा है, क्योंकि इससे मुघल साम्राज्य को पराजित किया गया था और यह हमारे इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है।
बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को बिहार के बक्सर जिले में लड़ा गया था। इस युद्ध में दो प्रमुख पक्ष थे – एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के हेक्टर मुनरो और दूसरी ओर मीर कासिम, अवध के नबाव शुजाउद्दौला और दिल्ली के मुघल बदशाह शाह आलम द्वितीय थे। इन सबने गठबंधन कर अंग्रेजो के खिलालाफ बक्सर का युद्ध में उतरे। इस युद्ध का मुख्य उद्देश्य मुघल साम्राज्य के खिलाफ लड़ा जा रहा था, जिसमें उन्हें भारत में अपनी शक्ति स्थायित करने की चुनौती थी।
युद्ध कहा हुआ –
बक्सर का युद्ध भारत में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। यह युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना और मुघल सेना के बीच महत्वपूर्ण युद्ध हुआ था। इस घटना ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया और देश के भविष्य को प्रभावित किया।
युद्ध के कारण –
- बक्सर का युद्ध एक महत्वपूर्ण घटना है, इसके पीछे कई कारण थे। मुघल सम्राट अकबर की मृत्यु के बाद, उसके उत्तराधिकारी जहाँगीर और फिर शाहजहाँ के शासनकाल में साम्राज्य में संकटों और शक्ति की कमी हो गई थी।
- दूसरी ओर, इस युद्ध के कारणों में ब्रिटिश प्रांतों की उत्कृष्टता की भी बड़ी भूमिका थी। ब्रिटेन ने भारत में अपनी व्यापक व्यापारिक और आर्थिक नीतियों को प्रोत्साहित किया था और मुघल साम्राज्य की कमी का फायदा उठाने की कोशिश की थी।
- इस युद्ध के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में क़दम रखा। यह घटना भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिससे हमें हमारे इतिहास के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।
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सेना –
ब्रिटिश सेना –
बक्सर का युद्ध में, दोनों पक्षों की सेनाएँ बहुत बड़ी थीं ब्रिटिश सेना में लगभग 7,000 सैनिक थे, इस युद्ध में, ब्रिटिश सेना की महत्वपूर्ण ताकत और रणनीति उन्हें जीत की ओर ले गई।
मुघल सेना –
मुघल सेना में लगभग 40,000 सैनिक थे। क्योंकि युद्ध के दौरान सैनिकों की संख्या में परिवर्तन हो सकता है।
हतयाएँ –
बक्सर का युद्ध में कई लोगों की मौत हुई थी, लेकिन यह कितनी थी, यह स्पष्ट नहीं जाना जा सकता। युद्ध के दौरान बहुत भयानक लड़ाई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई। यह घटना बहुत ही भयानक और दुखदायक थी, जिससे लोगों को देश के इस प्रमुख घटना के बारे में सोचने पर मजबूर किया।
कुछ अनुमानित आकड़े है इस युद्ध के दौरान –
- ब्रिटिश सेना के लगभग 1500 से अधिक सैनिक मारे गए और कुछ घायल हुए।
- वही दूसरी और मुग़ल साम्रज्य के लगभग 10000 से अधिक सेना की मोके पर मृत्यु हो गई और कुछ घायल हुए तथा कुछ सेनिको को ब्रिटिश द्वारा बंधी बना लिया गया।
युद्ध कौन जीता ?
बक्सर का युद्ध में जीत ब्रिटिश सेना की हुई थी। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना ने मुघल सेना को हराया, जिससे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की शुरुआत हुई। यह घटना भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण परिघटन के रूप में जानी जाती है, जिसने देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को बदल दिया।
बक्सर का युद्ध में जीत हासिल करने के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में अपना राज्य बनाना शुरू किया। इस युद्ध के बाद, मुघल साम्राज्य की ताकत कमजोर हो गई और ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में अपनी सत्ता बढ़ाई। इसके बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में कठिन नियमन का प्रचुर लागू किया और उपनिवेशीय शासन स्थापित किया।
युद्ध का परिणाम –
बक्सर का युद्ध का परिणाम भारतीय इतिहास में एक बड़ी घटना थी। इस युद्ध में ब्रिटिश साम्राज्य ने जीत हासिल की और मुघल साम्राज्य को परास्त कर दिया। इस परिणामस्वरूप, भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की शुरुआत हुई और मुघल साम्राज्य की ताकत बहुत कमजोर हो गई।
बक्सर का युद्ध के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में कठिन नियमन लागू किया और वहाँ पर उपनिवेशीय शासन स्थापित किया। यह घटना भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बनी, जिससे देश के राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक विकास पर बड़ा प्रभाव पड़ा। इससे भारतीय समाज में कई बड़े परिवर्तन आए और देश का इतिहास नई दिशा में बदल गया। बक्सर का युद्ध का परिणाम भारतीय इतिहास के प्रति एक महत्वपूर्ण संदेश देता है और हमें अपने इतिहास के प्रति गहरा जागरूक रहना चाहिए।
पूछे जाने बाले सबाल –
प्रश्न1. बक्सर का युद्ध कब लड़ा गया था?
उत्तर- बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था।
प्रश्न2. युद्ध कहाँ हुआ था?
उत्तर- बक्सर का युद्ध बिहार के बक्सर जिले में हुआ था।
प्रश्न3. युद्ध में कितनी सेना थी?
उत्तर- बक्सर का युद्ध में, मुघल सेना की ओर से लगभग 40,000 से ज्यादा जवान शामिल थे, जबकि ब्रिटिश सेना में लगभग 7,000 सैनिक थे।
प्रश्न4. युद्ध में कितनी सैनिको हत्याएँ हुईं थीं?
उत्तर- बक्सर का युद्ध में कई हत्याएँ हुईं थीं, अनुमानित आकड़े, मुग़ल सेना के लगभग 10000 अधिक सेना की मृत्यु हुई और ब्रिटिश सेना के लगभग 1500 सैनिक मारे गए ।
प्रश्न5. युद्ध का परिणाम क्या था?
उत्तर– बक्सर का युद्ध की जीत से ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत पर कब्जा किया। मुघल साम्राज्य की शक्ति घटी, और इससे ब्रिटिश साम्राज्य का आरंभ हुआ।
नबाव शुजाउद्दौला, मीर कासिम, आलम द्वितीय | ईस्ट इंडिया कम्पनी के हेक्टर मुनरो |
सेना – लगभग 40000 सैनिक | सेना – लगभग 7000 सैनिक |
मृत्यु – लगभग 10000 सैनिक (अनुमानितआकड़े) | मृत्यु – लगभग 1500 से अधिक सैनिक (अनुमानितआकड़े) |
परिणाम – हार |
परिणाम – जीत |
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